मुख्य बिंदु
- सरकारी आंकड़ों के अनुसार शहरों में लगभग 18.78 मिलियन घरों की कमी है….
- सरकार ने ‘ सभी के लिए आवास’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए जून 2015 में प्रधान मंत्री आवास योजना की शुरुआत की.
- PMAY (शहरी) मिशन निजी क्षेत्र को विकास कार्य में संलग्न करके मलिन बस्तियों के निवासियों का वहीं पर पुनर्वास करने का लक्ष्य रखता है.
- PMAY (ग्रामीण) मिशन का लक्ष्य ग्रामीण इलाकों में सभी बेघरों और लगभग बरबाद घरों में रहने वालों को उचित ढंग के घर प्रदान करना है.
- PMAY शहरी और ग्रामीण, किफायती घर प्रदान करने में मदद कर सकती है और भारत में घरों की कमी को घटा सकती है.
भारत की जनसंख्या पर अक्सर उसके आकार के नजरिए से बात की जाती है; यह कहा जाता है कि देश की विशाल जनसंख्या अनगिनत कारोबारी मौके पैदा करती है. साथ ही, इसकी जनसांख्यिकीय बढ़त की भी बात की जाती है जो इस तथ्य से निकली है कि देश की लगभग आधी जनसंख्या युवा है. अपनी खुद की इनकम कमाने और खर्च करने के साथ-साथ, यह युवा जनसंख्या अपने परिवार भी शुरू करेगी. यानि इससे घरों की मांग और बढ़ेगी. भारत की जनगणना, 2011 के अनुसार शहरों में घरों के अभाव का आंकड़ा 18.78 करोड़ का है 1. भारतीयों का बढ़ता इनकम स्तर और शहरों की ओर पलायन, ये वे अन्य कारक हैं जिनसे घरों की मांग और बढ़ने की संभावना है.
इसलिए सरकार किफायती घरों को बढ़ावा देने के लिए जो भी सहायता दे सकती है, दे रही है. सरकार की इस पहल के दोतरफा लाभ होंगे - पहला तो यह कि इससे हर भारतीय को आश्रय मिलेगा; और दूसरा यह कि इससे बड़ी संख्या में घरों के निर्माण के फलस्वरूप आर्थिक संभावनाएं फलेंगी-फूलेंगी. इससे अतिरिक्त रोजगार का सृजन होगा, सामग्री आदि की खपत बढ़ेगी, और इससे आर्थिक गतिविधि की एक शृंखला बन जाएगी. अतः ‘सबके लिए घर’ सरकार की एक बहुआयामी आकांक्षा है और सरकार इसे साकार करने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रोत्साहन और योजनाएं प्रस्तुत कर रही है.
इसी पृष्ठभूमि पर, सरकार ने ‘सबको घर’ के लक्ष्य को साकार करने के लिए जून 2015 में प्रधान मंत्री आवास योजना पेश की. यह योजना वर्ष 2022 तक सबको किफायती घर प्रदान करने का लक्ष्य रखती है2.
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के दो घटक हैं:
1 PMAY (शहरी)
This mission looks at providing housing for all in the urban cities thru various steps. These are a) In-situ rehabilitation of slum dwellers, b) Affordable housing by involving the private sector in the development, c) Credit Linked Subsidy Scheme (CLSS) d) Beneficiary led individual house construction. All statutory towns as per census 2011 and others, if notified, would be eligible for the scheme benefits. The scheme promises a Credit Linked Subsidy Scheme (CLSS) for purchase and construction thru a loan from lender. Beneficiaries belonging to the economically weaker and low income group sections as well middle income group (MIG) can avail interest subsidy on home loans (from banks and financial institutions) for loan amounts up to Rs. 6 lakh3. This interest subsidy is available for home loan of up to Rs. 9 Lakh for MIG I and Rs.12 lakh under the CLSS for MIG II segment. In other words, if an eligible individual takes a home loan of Rs. 13 lakh, he will get subsidy on interest payable on loan of up to Rs. 12 lakh, while he will have to pay interest at the prevailing rate for the balance loan of Rs.1 lakh. The assistance would be provided through the urban local bodies and other implementing agencies of the States and Union Territories.
2 PMAY (ग्रामीण)
इस मिशन का उद्धेश्य सभी बेघरों और जीर्ण शीर्ण घरों में रहने वाले लोगों को अच्छे और बेहतर आवास उपलब्ध करवाना है. यह योजना पूरे भारतवर्ष में (दिल्ली और चंडीगढ़ के अलावा) ग्रामीण क्षेत्रों में चलाई जा रही है 5 इस हेतु सरकार द्वारा ₹1.20 लाख ( पहाड़ी क्षेत्रों में ₹1.30 लाख) की सहायता दी जा रही है. इस हेतु पात्र लाभार्थियों की पहचान सामाजिक और आर्थिक जनगणना (SECC) के आधार पर ग्राम सभा को शामिल करते हुए एक उद्देश्यपरक और पारदर्शी प्रक्रिया के माध्यम से की गई है. लाभार्थी MGNREGA योजना के तहत 90 दिनों के लिए अकुशल श्रमिक के रूप में मजदूरी पाने और वैकल्पिक रूप से घर बनाने के लिए ₹ 70,000 तक का लोन प्राप्त करने का हकदार होता है6.
प्रधानमंत्री आवास योजना - PMAY शहरी और ग्रामीण - भारत में हाउसिंग गैप की समस्या दूर करने और लोगों को किफायती आवास उपलब्ध करवाने की दिशा में एक मददगार कदम सिद्ध होगी. ये योजनाएं निजी क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों को भी शामिल करती है, ये संस्थान राष्ट्र निर्माण की प्रकिया में एक सकारात्मक भूमिका निभाने में सक्षम हैं. PMAY से होने वाली आर्थिक गतिविधियों के कारण बिज़नेस एक्टीविटीज़ में बढ़ोत्तरी होगी और नतीजतन भारतीय लोगों की आय बढ़ेगी.
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