मुख्य बिंदु
- PMAY योजना, प्रारंभ में भारतीय आबादी के निचले तबके के लिए शुरू की गई थी लेकिन अब इसका विस्तार मध्यम आय वर्ग तक भी कर दिया गया है.
- CLSS, कुछ शर्तों की अनुपालना होने पर, होम लोन पर देय ब्याज पर सब्सिडी प्रदान करता है.
- केवल पात्र शहरों में घर खरीदने या निर्माण करने के लिए ही इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है.
- वार्षिक आय, घर के कारपेट एरिया, होम लोन की अवधि, पात्र लोन राशि आदि पर और मिलने वाली सब्सिडी राशि पर की एक अधिकतम सीमा है.
- लेंडर द्वारा आर्थिक मदद (सबवेंशन) का दावा किया जाता है और इसे सीधे लाभार्थी के लोन अकाउंट में जमा कर दिया जाता है.
प्रॉपर्टी के स्वामित्व के मामले में भारतीयों के विचार सुव्यवस्थित और स्वीकृत हैं. इन्वेस्टमेंट के मामले में प्रॉपर्टी और सोना हमेशा से ही भारतीयों की पहली पसंद रहे हैं. हर भारतीय के मन में अपना खुद का घर होने की प्रबल लालसा होती है. जहां एक ओर ऐसे बहुत से लोग होते हैं जो अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए और पैसा कमाने के लिए प्रॉपर्टी खरीदते हैं वहीं ऐसे लोग भी होते हैं जो अपनी पहली प्रॉपर्टी अपने सपनों का घर बनाने के लिए खरीदना चाहते हैं.
विशेषकर शहरी क्षेत्रों में आवास इकाइयों की अत्यधिक कमी को देखते हुए, सरकार विभिन्न प्रोत्साहन प्रदान करके लोगों को घर खरीदने के लिए प्रेरित कर रही है. ये प्रोत्साहन ब्याज में सब्सिडी के अलावा टैक्स में छूटों और रियायतों के रूप में दिए जाते हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) भारत सरकार द्वारा सभी के लिए आवास की मुहिम को साकार करने के लिए बनाई गई एक योजना है. इस योजना के तहत 2022 तक 2.95 करोड़ घर बनाने का लक्ष्य रखा गया है1.
इस योजना की व्यापक पहुंच है और इसके अंतर्गत समाज के अधिकांश वर्ग, जिनमें आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और पहली बार घर खरीदने वाले लोग, आते हैं. इस योजना का एक प्रमुख घटक क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी योजना (CLSS) प्रदान करना है जो भारतीयों के लिए घर के स्वामित्व में आने वाली एक प्रमुख लागत पर ब्याज पर सब्सिडी प्रदान करती है और लोगों के लिए घर खरीदना आसान बनाती है.
आइए इस योजना के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं.
पात्रता
आप इस योजना के लाभ प्राप्त कर सकते हैं यदि:
- आप 2011 की जनगणना के अनुसार किसी भी वैधानिक शहर में रहते हैं. यहां तक कि अगर आप वैधानिक शहरों के संबंध में अधिसूचित या नियोजन क्षेत्रों के बाद अधिसूचित कस्बों में से किसी में रहते हैं, तो भी आप पात्र होंगे.
- भारत के किसी भी हिस्से में, आपके या आपके परिवार के किसी भी सदस्य के नाम पर पक्का घर नहीं हैं.
- आपके परिवार (पति, पत्नी और अविवाहित बच्चों सहित) ने अब तक भारत सरकार की किसी भी केंद्रीय योजना या PMAY के तहत किसी भी योजना से किसी भी प्रकार का लाभ नहीं लिया है2.
एक वयस्क कमाऊ सदस्य, चाहे उसकी वैवाहिक स्थिति कुछ भी हो, एक अलग परिवार माना जाएगा3.
लाभ
जैसा कि पहले बताया गया है, CLSS होम लोन पर लगने वाले ब्याज पर सब्सिडी प्रदान करता है. सरकार ब्याज भुगतान टैब के एक हिस्से का भुगतान खुद करती है, और इस प्रकार से योजना के लाभार्थी की घर खरीद की लागत कम हो जाती है. CLSS के लाभ इस प्रकार हैं:
MIG 1 श्रेणी: अगर आपकी वार्षिक घरेलू आय ₹6 लाख से अधिक लेकिन ₹12 लाख से कम है और आप 160 वर्ग मीटर (लगभग 1,722.23 वर्ग फीट)4 के अधिकतम कारपेट एरिया वाला कोई घर खरीद रहे हैं या बना रहे हैं, तो आपको 4% तक का ब्याज अनुदान लाभ मिलता है. हालांकि, इस सब्सिडी को ₹9 लाख की अधिकतम लोन राशि और 20 सालों की अधिकतम होम लोन अवधि तक ही सीमित रखा गया है5.
MIG 2 श्रेणी: अगर आपकी वार्षिक घरेलू आय ₹12 लाख से अधिक लेकिन ₹18 लाख से कम है और आप 200 वर्ग मीटर (लगभग 2,152.78 वर्ग फीट)6 के अधिकतम कारपेट एरिया वाला कोई घर खरीद रहे हैं या बना रहे हैं, तो आपको 3% तक का ब्याज अनुदान लाभ मिलता है. हालांकि, इस सब्सिडी को ₹12 लाख की अधिकतम लोन राशि और 20 सालों की अधिकतम होम लोन अवधि तक ही सीमित रखा गया है7.
LIG और EWS श्रेणी: अगर आपकी वार्षिक घरेलू आय ₹3 लाख से अधिक लेकिन ₹6 लाख से कम है और आप 60 वर्ग मीटर (लगभग 645.83 वर्ग फीट) के अधिकतम कारपेट एरिया वाला घर खरीद रहे हैं या बना रहे हैं, तो आपको 6.5% तक का ब्याज अनुदान लाभ मिलता है. ब्याज सब्सिडी को ₹6 लाख की अधिकतम लोन राशि और 20 सालों की अधिकतम होम लोन अवधि तक ही सीमित रखा गया है8. नोट: इस श्रेणी के मामले में, मिशन के तहत केंद्रीय सहायता के साथ निर्मित/अधिग्रहित घर, परिवार की महिला मुखिया के नाम पर या परिवार के पुरुष मुखिया और उनकी पत्नी के संयुक्त नाम पर होना चाहिए. ऐसे मामलों में, जहां परिवार में कोई वयस्क महिला सदस्य नहीं है, घर पुरुष सदस्य के नाम पर भी हो सकता है9.
'आर्थिक मदद' का उदाहरण:
मान लीजिए आपने 9% की ब्याज दर पर 20 सालों की अवधि के लिए ₹9 लाख का होम लोन लिया है. 'आर्थिक मदद' यह सुनिश्चित करेगी कि आप MIG I योजना के मामले में 5% की प्रभावी ब्याज दर का भुगतान करें. इस स्थिति में आपके लिए उपलब्ध कुल सब्सिडी ₹2,35,068 होगी. आप CLSS के अंतर्गत आने वाली अधिकतम राशि से ऊपर, अतिरिक्त लोन ले सकते हैं; हालांकि, अतिरिक्त लोन राशि गैर-रियायती दरों पर दी जाएगी. इसी तरह, आप अपनी कैश फ्लो आवश्यकताओं के अनुरूप लंबी अवधि के लोन का विकल्प चुन सकते हैं. हालांकि सब्सिडी की गणना अधिकतम 20 सालों10 की लोन अवधि के लिए ही की जाएगी.
आपका होम लोन 1 जनवरी 2017 को या उसके बाद स्वीकृत होना चाहिए और यह योजना EWS/LIG वर्ग के मामले में 31 मार्च 2022 तक और MIG वर्ग के मामले में 31 मार्च 2020 तक मान्य है11.
सब्सिडी के लिए दावा कैसे करें?
इस योजना की सबसे अच्छी बात इसकी आसान प्रक्रिया है. इसमें आपको अपनी ओर से सब्सिडी क्लेम नहीं करना होता है. सब्सिडी प्राप्त करने का पूरा प्रोसेस आपको होम लोन देने वाली होम लोन कंपनी द्वारा पूरी की जाती है. आपको केवल एक साधारण घोषणा पत्र भरकर देना होता है, जिसमें यह लिखा होता है कि पात्रता मानदंड के अनुसार आपके पास कोई पक्का घर नहीं है.
लोन के डिस्बर्समेंट पर, लोन देने वाले संस्थान द्वारा आपकी ओर से सब्सिडी के लिए क्लेम किया जाता है और आवश्यक सभी प्रक्रिया को पूरा किया जाता है. नोडल एजेंसी जैसे कि नेशनल हाउसिंग बैंक ("NHB") द्वारा लोन सब्सिडी के अप्रूवल के बाद पूरी सब्सिडी राशि ऑटोमैटिक रूप से आपके लोन अकाउंट में जमा हो जाती है. इससे न केवल योजना आसान हो जाती है, बल्कि इससे सब्सिडी राशि के कारण आपके लोन का मूलधन भाग कम हो जाने से आपकी EMI भी कम हो जाती है12.
बाध्यताएं
ऊपर उल्लिखित केंद्र सरकार की हाउसिंग योजनाओं में से किसी भी योजना का लाभ न उठाया होने की पाबंदी के अलावा, यह ध्यान रखना भी आवश्यक है कि अगर लोन को एक लेंडर से दूसरे लेंडर को ट्रांसफर किया जाता है, तो इस योजना का लाभ नहीं लिया जा सकेगा. यह लाभ केवल एक बार लिया जा सकता है. विवाहित जोड़े के मामले में, पति या पत्नी या दोनों एक साथ (दोनों के संयुक्त स्वामित्व के मामले में) एक ही घर के लिए पात्र होंगे, बशर्ते परिवार सभी पात्रता मानदंडों को पूरा कर रहा हो13.
अंत में, भारत सरकार बढ़ती जनसंख्या और देश की बदलती जनसांख्यिकी के साथ तालमेल बनाने के लिए हाउसिंग को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है. शुरूआत में इस योजना का लाभार्थी केवल समाज का निचला और गरीब तबका था लेकिन बाद में योजना को MIG श्रेणी के लिए भी लागू कर देना घर के मालिकों और अर्थव्यवस्था के हाउसिंग क्षेत्र दोनों के लिए संजीवनी सिद्ध हुआ है.
ध्यान दें- CLSS के तहत मिलने वाले लाभ के लिए आप योग्य हैं या नहीं, इसके आकलन का पूर्ण अधिकार भारत सरकार के पास है. सब्सिडी स्कीम के मौजूदा मानदंड ऊपर उल्लिखित हैं.
नोट: अधिक जानकारी और योजना के नियमों में संशोधनों की जानकारी के लिए, कृपया www.mhupa.gov.in देखें
- 1. http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?RELID=181315
- 2. http://mohua.gov.in/upload/uploadfiles/files/5CLSS_EWS_LIG_English_Guidelines_wb.pdf
- 3. http://mohua.gov.in/upload/uploadfiles/files/9CLSS-MIG-Op-Guidelines-OM%242017Mar23143053.pdf
- 4. https://nhb.org.in/wp-content/uploads/2017/04/MIG-I_English.pdf
- 5. http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?RELID=186934
- 6. https://economictimes.indiatimes.com/wealth/real-estate/cabinet-okays-increase-in-carpet-area-of-houses-under-pmay-how-to-check-your-eligibility/articleshow/61672826.cms,
- 7. http://pib.nic.in/newsite/PrintRelease.aspx?RELID=179913
- 8. http://mohua.gov.in/upload/uploadfiles/files/4CLSS-MIG-Guidelines.pdf
- 9. http://mohua.gov.in/cms/hfaguidelinesmanagement.php
- 10. http://mohua.gov.in/upload/uploadfiles/files/8Additional%20Clarifications%20on%20CLSS.pdf
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