मुख्य बिंदु
अपना घर खरीदने के लिए होम लोन लेना एक बेहतरीन तरीका है
होम लोन किसी अन्य लोन से निम्न कारणों के कारण बेहतर होता है –
- कम ब्याज दर
- संपत्ति दस्तावेजीकरण पर अधिक सुनिश्चितता
- यह इंटीरियर आदि कार्यों के लिए धन की लिक्विडिटी बनाए रखने में मदद करता है.
- टैक्स लाभ
क्या अब भी कोई शंका है?
- बकाया लोन को कवर करने के लिए इंश्योरेंस लें
- संयुक्त होम लोन लें
सभी के लिए अपना घर सबसे कीमती चीज होती है. होम लोन की आसान उपलब्धता ने ज्यादातर लोगों के लिए इस सपने को हकीकत में बदल दिया है. हालांकि, हम भारतीय लोग लोन को शंका की निगाह से देखते हैं. इसलिए लोन लेने से पहले, हम अपनी सेविंग को खर्च करने की सोचते हैं. यह आम बात है कि अपना घर खरीदने के लिए लोग अपनी इन्वेस्टमेन्ट खत्म कर देते हैं, प्रोविडेंट फंड की सेविंग निकाल लेते हैं, या ज्वैलरी भी बेच डालते हैं-ताकि लोन लेने की गुंजाइश कम से कम हो जाए.
कर्ज को गलत निगाह से शायद तब से देखा जाता है जब भारत में फाइनेंशियल सेक्टर कम विकसित था. हम सभी ने कुटिल साहुकारों की कहानियां सुनी हैं जो मनमानी ब्याज दरें (सालाना 20 प्रतिशत तक भारी-भरकम) वसूलते थे और कर्जदारों का शोषण करते थे. उस समय की परिस्थितियों के हिसाब से, उधार के पैसे पर निर्भरता में बड़ा जोखिम था. हालांकि समय के साथ हालात बदलकर काफी बेहतर हो गए हैं. अब हमारे यहां फाइनेंशियल सेक्टर काफी मज़बूत और अच्छे से नियंत्रित हैं, जो किफायती फाइनेंस सुलभ बनाता है. प्रतिस्पर्धी ब्याज दरों पर कस्टमर अनेक तरह के लोन ले सकते हैं. इसके अलावा इंश्योरेंस पॉलिसी भी हैं, जो किसी आकस्मिक घटना घटने पर उन्हें नुकसान से बचाती हैं. इन सब बातों को देखते हुए, अब लोन लेना अनुचित नहीं रह गया है. अब यह काफी सुविधाजनक है, जो आपकी ज़रूरतों के हिसाब से कस्टमाइज़ भी किया जा सकता है.
होम लोन - सबसे ज्यादा कस्टमर-फ्रेंडली लोन
कस्टमर्स की विभिन्न ज़रूरतों के हिसाब से कई प्रकार के होम लोन उपलब्ध हैं. अधिकांश अन्य लोन्ज़ के विपरीत, होम लोन में ब्याज दर कम रहती है. रीपेमेंट की शर्तें आसान होती हैं और कस्टमर को लोन प्रीपे या फोरक्लोज़ करने की सुविधा मिलती है.
आप कितना लोन ले सकते हैं?
होम लोन लेने की आपकी क्षमता सीधे आपकी कमाई और क्रेडिट प्रोफाइल से जुड़ी है. अगर आप अपनी हर बकाया राशि नियमित रूप से चुकाते हैं (क्रेडिट कार्ड बिल, यूटिलिटी बिल और अन्य लोन्ज़ की किस्तें आदि), तो लेंडर का रवैया ज्यादा अच्छा होगा. इसके अलावा, आपके इनकम लेवल, खर्चों और बचत का भी उस लोन अमाउंट पर असर पड़ता है, जो आप ले सकते हैं.
अपेक्षित इनकम के अनुसार, आप प्रापर्टी की कीमत की 90 प्रतिशत तक की राशि होम लोन के रूप में प्राप्त कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, यदि आप ₹50 लाख की लागत से घर खरीदना चाहते हैं, तो आपके क्रेडिट प्रोफाइल के अनुसार, लेंडर ₹40 लाख तक बड़ी रकम का लोन मंजूर कर सकता है. बैंकिंग की दुनिया में, संपत्ति के मूल्य के सापेक्ष लोन के अनुपात को 'लोन टु वैल्यू' (LTV) अनुपात कहा जाता है. किश्त से इनकम का अनुपात (IIR) लैंडर्स का एक अन्य मानदंड है. IIR आपकी कुल मंथली इनकम से किश्तों का प्रतिशत बताता है. आमतौर पर, लैंडर्स यह मानते हैं कि मंथली इनकम के 40 प्रतिशत तक की किश्त का कस्टमर आराम से भुगतान कर सकते हैं. निर्धारित दायित्व से इनकम का रेशियो (FOIR) पर भी लेंडर विचार करते हैं, जो मंथली इनकम से सभी लोन्ज़ की किश्तों का प्रतिशत दिखाता है.
आपको हाउसिंग लोन क्यों पसंद करना चाहिए
1 आकर्षक ब्याज दर:भविष्य में और भी गिरावट की उम्मीदों के साथ ब्याज दरों में हाल ही की गिरावट ने हाउसिंग लोन को बहुत आकर्षक बना दिया है. इसलिए, आपके बच्चों की शिक्षा, आपके रिटायरमेन्ट के बाद के पैसे आदि के लिए रखी अपनी बचत का उपयोग करने के बजाय, आप होम लोन लेकर ज्यादा आसानी से घर खरीद सकते हैं.
2 प्रॉपर्टी टाइटिल पर अतिरिक्त अश्योरेंस:लोन मंजूर करने से पहले, लेंडर प्रापर्टी का टाइटिल और रिकार्ड चेक करके पक्का करते हैं कि कोई क्लेम या डिस्प्यूट नहीं हैं. इससे आप अपनी प्रॉपर्टी की प्रमाण-पत्रों के बारे में बहुत ज़रूरी आश्वासन पा सकते हैं.
3 इंटीरियर वर्क के लिए पैसे की बचत:डाउन पेमेंट में अपनी बचत खर्च करने से पहले, आपको इंटीरियर वर्क की लागत का आकलन करना चाहिए. इंटीरियर्स के लिए आपको काफी धन की आवश्यकता हो सकती है - खासकर यदि आपने कोई सेमी-फर्निश्ड या पुराना अपार्टमेंट खरीदा हो. इसलिए, महंगे पर्सनल लोन लेने के बजाय आप अपना निजी पैसा इंटीरियर वर्क में इस्तेमाल कर सकते हैं.
4 हाउसिंग लोन पर टैक्स के फायदे:आप हाउसिंग लोन पर कई तरह के टैक्स फायदे ले सकते हैं. ये लाभ ब्याज की पेमेंट और मूलधन की रीपेमेंट दोनों पर लागू हैं. अपने कब्जे वाली हाउस प्रापर्टी के लिए, हाउसिंग लोन पर टैक्स संबंधी फायदे निम्नलिखित हैं:
इनकम टैक्स एक्ट, 1961 के तहत प्रावधान | लागू कंपोनेंट | लाभ* |
---|---|---|
अनुभाग 24 | ब्याज भुगतान | ₹2, 00, 000 तक टैक्स के अंतर्गत आने वाली इनकम में कटौती |
अनुभाग 80C | मूल रीपेमेंट | ₹1, 50, 000 तक टैक्स के अंतर्गत आने वाली इनकम में कटौती |
अनुभाग 80EE | ब्याज भुगतान (पहली बार घर खरीदने वालों के लिए) | अतिरिक्त कटौती अधिकतम ₹50,000 |
*नियम और शर्तों के अधीन, जिसमें प्रापर्टी का निर्माण, अधिग्रहण और पुनः बिक्री का समय शामिल है.
इसलिए, हाउसिंग लोन लेकर, पहली बार घर खरीदने वाले को टैक्स के अंतर्गत आने वाली इनकम में ₹4 लाख तक की छूट मिलती है जबकि फिर से घर खरीदने वालों को ₹3.5 लाख तक की कटौती का लाभ मिल सकता है.
हाउसिंग लोन से जुड़ी शंकाएं दूर करें
A हाउसिंग लोन शायद सबसे बड़ा लोन होता है जो आप ले सकते हैं. हालांकि, इतनी बड़ी राशि को देखते हुए आपको लोन लेने से पीछे नहीं हटना चाहिए. हाउसिंग लोन के ढांचे में अलग-अलग कस्टमर-फ्रेंडली शर्तें और व्यवस्थाएं हैं. इसके अलावा, टैक्स लाभ होम लोन को आकर्षक बनाते हैं. इसलिए, आपका ध्यान लोन को सर्वश्रेष्ठ तरीके से मैनेज करने पर होना चाहिए. आपकी फाइनेंशियल प्रोफाइल के अनुसार, अधिकांश लेंडर फ्लेक्सिबल रीपेमेंट प्लान डिजाइन करते हैं, जो आपकी जेब पर भारी नहीं होते. इसके अलावा, आप निम्न विकल्पों पर भी विचार कर सकते हैं:
1. होम लोन इंश्योरेंस:होम लोन इंश्योरेंस प्लान, प्राइमरी एप्लिकेंट की मृत्यु होने पर रीपेमेंट में चूक होने के जोखिम से सुरक्षा देता है. होम लोन इंश्योरेंस लेकर, आप आश्वस्त हो सकते हैं कि आपके साथ कोई दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटित हो जाने पर आपके आश्रित, होम लोन चुकाने के बोझ के बिना मकान पर अपना उचित दावा बरकरार रख पाएंगे.
2 जॉइन्ट होम लोन:अगर आपके परिवार में कमाने वाले दो सदस्य हैं, तो आप जॉइन्ट होम लोन के लिए अप्लाई कर सकते हैं. ऐसा करके, आप न केवल ज्यादा लोन पा सकते हैं, बल्कि लोन को जल्दी से चुका भी सकते हैं. इसके अलावा, जॉइन्ट होम लोन में, प्रत्येक को-एप्लिकेंट मूलधन और ब्याज के रीपेमेंट में अपने योगदान के अनुपात में उपलब्ध टैक्स बेनीफिट के लिए अलग से क्लेम कर सकता है - जिससे टैक्स बचाने में बहुत मदद मिलती है.
निष्कर्ष
घर खरीदने का निर्णय सदैव बुद्धिमानी भरा होता है. उसके बाद लोन राशि तय करनी होती है. ऐसे कस्टमर आमतौर से मिलते हैं, जो ज्यादा लोन अमाउंट अप्रूव कराने के बजाय अपनी ज्यादातर या पूरी बचत से बड़ा डाउन पेमेंट कर देते हैं, ताकि कर्ज कम से कम रहे. हालांकि ये फैसले करने से पहले तटस्थ मूल्यांकन करना चाहिए-जिसमें कस्टमर्स की सुविधा और लाभ को ध्यान में रखकर उपलब्ध विभिन्न शर्तों, व्यवस्थाओं, और प्रावधानों पर विचार करें. बड़ा डाउन पेमेंट करने से अभी राहत महसूस हो सकती है क्योंकि आपको कम कर्ज लेना होगा. हालांकि, यह ज़रूर पक्का कर लें कि आपके पास आपकी दूसरी ज़रूरतों के लिए पर्याप्त धन मौजूद है या नहीं. आपकी कमाई और बचत बढ़ने पर आप भविष्य में कभी भी अपने हाउसिंग लोन को प्रीपे करके कर्ज कम कर सकते हैं. हालांकि, सावधानी से जांच-परखकर ही फैसला करना चाहिए.
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