जसमीत हमें चंडीगढ़ के मध्य में स्थित, मध्य-पूर्व
-के डिज़ाइन से प्रेरित अपने घर में रहने के अनुभव के बारे में हमें बताती हैं.
अपने मौजूदा घर तक पहुंचने का हमारा सफर लगभग 40 साल पहले शुरू हुआ था. मेरे पिता सरकारी कर्मचारी थे और अक्सर उनका तबादला हुआ करता था, उनकी आखिरी पोस्टिंग चंडीगढ़ में थी. जब उन्होंने आखिरकार घर खरीदने का फैसला लिया तो उन्होंने जो जगह चुनी वह था चंडीगढ़ का खूबसूरत और शांत सेक्टर 18.
हमने जो घर खरीदा था वह असल में एक प्लॉट था जिसके एक हिस्से पर एक छोटा सा, दो बेडरूम वाला घर बना हुआ था. इस घर में हम 2 साल तक रहे, जिसके बाद हमने हमारा मौजूदा घर बनवाना शुरू किया और आखिरकार हम उसमें रहने आ गए. मेरे पिता एक सिविल इंजीनियर हैं, तो उन्हें घर बनवाने की थोड़ी जानकारी है, और मेरी मां का सौंदर्य ज्ञान कमाल का है, तो उन दोनों ने घर के निर्माण में एक बड़ी भूमिका निभाई. पर घर का आर्किटेक्चर मेरे पिता के दोस्त ने तैयार किया जो ओमान सल्तनत में आर्किटेक्ट हैं.
चूंकि हम चंडीगढ़ के एक सबसे पुराने सेक्टर में रहते हैं, तो आपको इस आकार और परिमाण के कई आलीशान घर यहां दिखाई दे जाएंगे, पर हमारा घर सबसे अलग इसलिए दिखता है क्योंकि हमने इसके आर्किटेक्चर में मध्य-पूर्व की शैली के कई घटक शामिल किए हैं. मिसाल के तौर पर, आपको रंगीन कांच की खिड़कियों और दरवाजों के ऊपर जो खूबसूरत मेहराबें दिख रही हैं वे आपको चंडीगढ़ के किसी आम पंजाबी घर में नहीं मिलेंगी साथ ही, मुहार/गृहमुख पर जिन स्लेट टाइलों का इस्तेमाल हुआ है उन्हें मेरे पिता जयपुर से खरीदकर लाए थे और वे आसानी से नहीं मिलती हैं. असल में, हमारा घर एक किस्म का लैंडमार्क बन गया है और लोग खासतौर से इसे देखने के लिए यहां आते हैं.
चंडीगढ़ के सेक्टर 18 में जसमीत के आलीशान घर के गृहमुख का दृश्य
आइए आज मैं आपको बताती हूं कि मेरे पिताजी हमारे घर को लेकर कितने अधिक उत्साही थे. एक बार इसके बन जाने के बाद, मेरे पिताजी को लगा कि घर की सीढ़ियों में कुछ कमी रह गई है. अगर हमारी जगह पर और कोई परिवार होता तो इसे नज़रअंदाज़ कर देता, क्योंकि केवल कोई पेशेवर सिविल इंजीनियर या आर्किटेक्ट ही इस कमी को पहचान सकता था. लेकिन मेरे पिताजी घर निर्माण में छोटी सी कमी भी नहीं छोड़ना चाहते थे, उन्होनें पूरी सीढ़ियां तुड़वाकर वापस से बनवाई, और इस बार इन्हें पूरी विशिष्टता और डिज़ाइन के साथ बनाया गया.
घुमावदार ज़ीना, जो जसमीत के पिता ने दोबारा बनवाया था
जसमीत के घर में मार्बल फ्लोरिंग वाली लॉबी
हमारे 5 बेडरूम वाले घर में दो फ्लोर हैं (G+1) – जिसमें ग्राउंड फ्लोर पर लिविंग रूम, डाइनिंग एरिया, किचन, वॉशिंग एरिया, बेडरूम और एक प्रार्थनाघर है. ऊपर वाले फ्लोर पर लॉबी, एक स्टडी और 2 बेडरूम हैं. जब हम घर में रहने आए, तो हमारे परिवार में 6 लोग थे - मेरे माता-पिता, दो भाई-बहन, मेरे दादाजी और मैं. पर चूंकि मेरे भाई-बहनों की शादी हो गई है और वे घर से दूर रहते हैं, इसलिए मुझे और मेरे माता-पिता को यह घर थोड़ा बड़ा लगता है, और इसलिए हमने ऊपर वाले फ्लोर का एक हिस्सा, पार्टीशन बनाकर, किराए पर दे दिया है. इस तरह, हमें एक छोटे हिस्से का रखरखाव करना पड़ता है.
मेहराबी गुंबद और खूबसूरत, रंगीन कांच मध्य-पूर्वी निर्माण शैली की याद दिलाते हैं
मैंने इस घर में अपना लगभग पूरा जीवन बिताया है, और जब हम यहां रहने आए थे तो यहां कुछ नहीं था, सिवाय कुछ जरूरी फर्नीचर के जो हमने सहारनपुर से खरीदा था. इन कई सालों में हम हैंडीक्राफ्ट, सांस्कृतिक गुलदान और अन्य सजावटी चीजें लाते रहे और तब जाकर यह घर वैसा बना जैसा अब दिखता है. चूंकि मेरी मां और मेरा जन्म व लालन-पालन केन्या के नैरोबी में हुआ है, अतः हमारे यहां ऐसी कई चीजें हैं जिनमें यह बात झलकती है.
केन्या के मसाई मारा इलाके की पेंटिंग और क्राफ्ट, जो जसमीत के संकलन का हिस्सा हैं
मेरे माता-पिता ने हर बेडरूम को उसमें सोने वाले का अक्स बनाने की कोशिश की थी. उनके खुद के कमरे में पेस्टल ग्रीन दीवार और क्रीम मार्बल टाइल हैं - एक गूढ़ और सजीला कॉम्बिनेशन. मेरी बहन और मुझे लड़कियों वाले पिंक से हाइलाइट की हुई वॉल और प्यारा पीच मार्बल फ्लोर मिला, वहीं मेरे भाई के कमरे में ढेर सारा ग्रे है.
मेरा कमरा वो जगह है जो मुझे सबसे ज्यादा पसंद है, हालांकि मुझे पहले इसे मेरी बहन से साझा करना पड़ता था, पर जबसे वह अपने ससुराल गई है, यह सारे-का-सारा मेरा है! सारा फर्नीचर फैब इंडिया से है, और सांस्कृतिक प्रिट वाली चादर, तकिए और मिली-जुली सजावटी चीजें मेरी अपनी पसंद दर्शाती हैं.
जसमीत का बेडरूम
अधिकतर परिवार लिविंग रूम में साथ समय गुजारते हैं, पर हमारे घर में किचन हम सबकी प्यारी जगह है. बीच में जो मार्बल स्लैब है वहां हम हमारी शाम की चाय के लिए बिना नागा इकट्ठा होते हैं. कभी-कभी, जब घर पर बस मैं और मेरी मां होते हैं, तो हम वहां डिनर भी कर लेते हैं. वैसे तो हमारे पास एक औपचारिक डाइनिंग रूम है, पर यही वह जगह है जिससे मेरी सबसे प्यारी यादें जुड़ी हैं.
किचन की वह स्लैब जहां पूरा परिवार चाय पीता है
बंगले में रहने के साथ मेरी जो सबसे पसंदीदा चीजें जुड़ी हैं उनमें से एक है एक खूबसूरत खुले लॉन का होना. जब सर्दियों में ठंड बढ़ जाती है, तो हमें घास पर बैठकर गुनगुनी धूप सेंकने में बड़ा मजा आता है. मेरी मां को यह जगह बहुत पसंद है और हमने इसकी देखभाल के लिए एक माली रखा हुआ है. घर के चारों ओर मौजूद हरियाली, और भरपूर मात्रा में हवा का आना-जाना, हम सभी को पूरे साल आरामदेह स्थिति में रखते हैं.
जसमीत के घर का लॉन
यह घर मेरे माता-पिता के लिए सच में एक सपनों का घर है, और हमारे लिए यह उनके प्यार और उनकी मेहनत का फल है. हमें यह किसी जिंदा इंसान के जैसा लगता है, जिस पर हम सभी को बेहद गर्व है.
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