आजकल रियल एस्टेट से जुड़ा एक शब्द बहुत सुनने में आ रहा है, और वह है, रियल एस्टेट इन्वेंटरी. निर्माण क्षेत्र की ही तरह, रियल एस्टेट क्षेत्र में इन्वेंटरी का अर्थ ऐसे फ्लैट की संख्या से है जिन्हें डेवलपर ने अभी तक बेचा नहीं है. खरीदार के नजरिए से देखें तो प्रोजेक्ट की बिक्री योग्यता आंकने, किसी स्थान विशेष पर मांग और आपूर्ति की स्थिति आंकने, डेवलपर के प्रदर्शन के बारे में जानने, और मुख्य रूप से रियल एस्टेट बाजार के हालात समझने के लिए इन्वेंटरी का स्तर जानना महत्वपूर्ण होता है.
मांग धीमी पड़ने और नए प्रोजेक्ट लॉन्च होते रहने से इन्वेंटरी का स्तर बढ़ जाता है; वहीं जब बाजार में खरीददारों की संख्या बढ़ती है और नई आपूर्ति सीमित होती है तो यह स्तर घट जाता है. खरीददार के नजरिए से देखें तो इन्वेंटरी का स्तर अधिक होने का अर्थ बाजार में मंदी से होता है, जो प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ने, या खरीददारों की खर्च क्षमता घटने या ब्याज की दर अधिक होने के कारण हो सकती है. कंपनी के नजरिए से, इस स्तर का बढ़ना निर्माण संबंधी समस्याओं (जो प्रोजेक्ट की प्रगति पर असर डालती हैं), नकदी के प्रवाह के अटकने, फाइनेंशियल तनाव और लोन चुकाने में आने वाली समस्याओं की ओर संकेत करता है. वहीं दूसरी ओर इन्वेंटरी स्तर घटने से प्रत्यक्ष आर्थिक वृद्धि का और मौजूदा व नई प्रॉपर्टी के खरीददार बढ़ने का संकेत मिलता है. डेवलपर के नजरिए से, इन्वेंटरी घटने से जारी प्रोजेक्ट की अच्छी खरीद होने, नकदी प्रवाह सुविधाजनक होने, फाइनेंशियल ताकत मिलने और कंपनी के नए प्रोजेक्ट लॉन्च करने की स्थिति में होने का संकेत मिलता है.
इन्वेंटरी स्तर का अध्ययन तीन विधियों से किया जाता है, जो हैं निरपेक्ष संख्या (100,000 यूनिट), इन्वेंटरी के महीने (405 माह) और अवशोषण दर (5 प्रतिशत).
इन्वेंटरी के महीने
आमतौर पर इन्वेंटरी के महीनों का अर्थ होता है समूची मौजूदा इन्वेंटरी को बेचने के लिए जरूरी महीनों की संख्या; बशर्ते बाजार में नई सप्लाई न आए. इससे बाजार के प्रकार को समझने में और अधिकतम मुनाफे के लिए खरीदने या बेचने का सही समय आंकने में मदद मिलती है. इन्वेंटरी के महीनों की गणना के लिए, किसी प्रोजेक्ट या स्थान विशेष की कुल इन्वेंटरी को मासिक बिक्री से भाग किया जाता है. उदाहरण के लिए, यदि मुंबई में 100,000 (A) यूनिट की इन्वेंटरी है, और औसत मासिक बिक्री 2,500(B) यूनिट की है, तो इन्वेंटरी के महीने 40 माह (A/B) के बराबर होंगे. इस संख्या के अधिक होने से बाजार में मंदी का संकेत मिलता है; वहीं इसके कम होने से ज्यादा तेज बिक्री का संकेत मिलता है.
अवशोषण दर
अवशोषण दर वह दर होती है जिस पर किसी प्रोजेक्ट या स्थान विशेष में यूनिट बेची, यानि अवशोषित होती हैं. इसकी गणना मासिक बिक्री को कुल इन्वेंटरी के साथ भाग देकर की जाती है (इन्वेंटरी के महीने के ठीक उलट). अतः ऊपर वाले उदाहरण में, अवशोषण दर 2.5 प्रतिशत होगी.
बाजार का प्रकार
इन्वेंटरी के महीने और अवशोषण दर के आधार पर, रियल एस्टेट बाजार को तीन श्रेणियों में रखा जाता है -
विक्रेता का बाजारकिसी आम विक्रेता बाज़ार के 5 महीनों से कम इन्वेंटरी महीने होते हैं और अवशोषण दर 8 प्रतिशत से अधिक होती है, इसका मतलब है कि मांग, आपूर्ति से अधिक होती है. बिक्री के लिए कम प्रॉपर्टी उपलब्ध होंगी और इसलिए विक्रेता, अपनी कीमतों को लेकर, या वे जो ऑफर स्वीकार करेंगे उन ऑफर को लेकर कम लचीले होंगे.
स्वस्थ बाजारकिसी आम स्वस्थ संतुलित बाजार में 5 से 7 माह की रियल एस्टेट इन्वेंटरी होती है और अवशोषण दर 5 से 8 प्रतिशत के बीच होती है.
क्रेता का बाजारकिसी आम क्रेता के बाजार में 7 महीनों से अधिक इन्वेंटरी महीने होते हैं और अवशोषण दर 5 प्रतिशत से कम होती है, जिसका अर्थ है कि मांग, आपूर्ति से कम होती है. बिक्री के लिए बहुत सी प्रॉपर्टीज़ उपलब्ध होंगी और इसलिए विक्रेता, अपनी कीमतों को लेकर, या जो ऑफर वे स्वीकार करेंगे, उन्हें लेकर वे अधिक लचीले होंगे.
निष्कर्ष
रियल एस्टेट इंडस्ट्री में खरीददार और निवेशक, दोनों के नजरिए से इन्वेंटरी स्तर, इन्वेंटरी के महीने और अवशोषण दर महत्वपूर्ण होते हैं. किसी प्रोजेक्ट विशेष में और स्थान विशेष पर मांग और आपूर्ति के हालात को समझने के लिए ये सबसे अच्छे साधनों में से एक हैं.
होम लोन संबंधी कैलकुलेशन अपने घर का प्लान बनाना आसान कर देती है
मिस कॉल
नए होम लोन के लिए मिस्ड कॉल दें
- 09289200017