नया घर खरीदने की सोच रहे हैं? घर खरीदते समय जिन मुख्य बातों पर विचार किया जाता है उनमें से एक है, घर की लोकेशन. अधिकतर नए अपार्टमेंट या प्लॉट शहर में, उपनगरीय इलाकों में या शहर के बाहरी इलाकों में उपलब्ध होते हैं, तो अगर आपके काम करने की जगह या आपके बच्चे का स्कूल वहां से दूर हो तो वहां से रोज का आना-जाना आपके लिए असुविधाजनक हो सकता है; अक्सर इसका अर्थ यह निकलता है कि पहले से बना-बनाया घर (रीसेल होम) खरीदना एक बेहतर विकल्प हो सकता है. साथ ही, विकसित इलाकों में अधिकांश बुनियादी ढांचा पहले से मौजूद होता है; यानि आपको बाजार, बैंक, स्कूल, अस्पताल और अन्य जरूरी सुविधाएं ढूंढने में ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ेगी. रीसेल प्रॉपर्टी खरीदने का एक फायदा और है - आपको घर में रहने आने के लिए निर्माण पूरा होने तक इंतजार नहीं करना पड़ता और आप अपनी पसंदीदा लोकेशन पर प्रॉपर्टी का तुरंत पजेशन मिलने का आनंद ले सकते हैं.
यदि आप रीसेल प्रॉपर्टी खरीदने की सोच रहे हैं, तो आपको निम्नलिखित जरूरी बातें ध्यान में रखनी चाहिएं:
प्रॉपर्टी की उम्र
आपको बहुत पुरानी प्रॉपर्टी (जिसकी उम्र 50 वर्ष या अधिक हो) खरीदने से बचना चाहिए क्योंकि इमारत में संरचना संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और उसे बड़ी मरम्मतों की, नवीकरण की, या कुछ मामलों में तो दोबारा बनवाने की जरूरत पड़ सकती है. यदि इमारत के नवीकरण या उसे दोबारा बनवाने के लिए आपको लंबे समय तक किराए के घर में रहना पड़ा, तो यह आपके लिए असुविधाजनक होगा और आपको घर बदलने या रेंट एग्रीमेंट बार-बार रिन्यू कराने का झंझट झेलना पड़ेगा क्योंकि ऐसे अधिकतर एग्रीमेंट केवल 11 महीने के लिए मान्य होते हैं. कोई ठीक-ठाक नई प्रॉपर्टी ही खरीदना सबसे अच्छा है क्योंकि तब आपको कोई झंझट नहीं झेलना पड़ेगा.
मौजूदा ऋणआपको यह जांच लेना चाहिए कि प्रॉपर्टी पर कोई मौजूदा लोन तो नहीं है, जिसके तहत लेंडर को कोई देय राशि बकाया होती है. प्रॉपर्टी खरीदने से पहले उचित पड़ताल जरूर करें और प्रॉपर्टी के असल डॉक्यूमेंट देखने पर जोर दें. यदि विक्रेता के पास केवल कॉपी हों, तो इसका यह मतलब है कि असल डॉक्यूमेंट किसी लेंडर के पास हो सकते हैं. यदि आप अपनी रीसेल प्रॉपर्टी खरीदने के लिए खुद होम लोन के लिए अप्लाई कर रहे हैं, तो आप अपने खुद के लेंडर के साथ डॉक्यूमेंट की ठीक से जांच कर लें.
प्रॉपर्टी का ट्रांसफर और दोबारा रजिस्ट्रेशनरीसेल प्रॉपर्टी खरीदते समय, आपको ट्रांसफर और रजिस्ट्रेशन फीस चुकानी होगी. कुछ अधिकार क्षेत्रों में, यह फीस एक बड़ी रकम हो सकती है और रीसेल प्रॉपर्टी खरीदने के लाभ को शून्य कर सकती है.
यूटिलिटी ट्रांसफर फीसकुछ इमारतों या इलाकों के मामले में, आपको यूटिलिटीज़ को अपने नाम पर ट्रांसफर कराने के लिए धन चुकाना होता है; इसका मतलब है कि आपको बिजली, गैस आदि के लिए डिपॉजिट या ट्रांसफर फीस या दोनों ही चुकाने होते हैं.
ब्रोकरेजरीसेल प्रॉपर्टी की खरीद आमतौर पर किसी प्रॉपर्टी कंसलटेंट के जरिए की जाती है, जिसका मतलब है कि आपको कंसलटेंसी चार्ज या ब्रोकरेज चुकानी पड़ सकती है. यदि आप किसी डेवलपर से नई प्रॉपर्टी खरीदते हैं तो आपको ऐसा कोई चार्ज नहीं देना होता. हालांकि, यह ध्यान रखें कि एक पेशेवर प्रॉपर्टी कंसलटेंट न केवल साधन-संपन्न होता है, बल्कि रीसेल प्रॉपर्टी खरीदने से संबंधित आपके कामों में अच्छी-खासी कटौती भी कर सकता है.
मरम्मत और नवीकरण के खर्चेरीसेल हाउस खरीदने पर आपको उसकी पेंटिंग, सजावट, या यहां तक कि नवीकरण भी कराना पड़ सकता है. ऐसा या तो इसलिए हो सकता है कि प्रॉपर्टी को रखरखाव की जरूरत है, या फिर इसलिए कि आप चाहते हैं कि आपका नया घर आपकी जरूरतों के मुताबिक हो. पक्का करें कि आप घर खरीदने से पहले ही, इन कामों में होने वाले खर्चों का आकलन कर लें.
सुविधाएं और साधनपुरानी प्रॉपर्टी खरीदने पर, हो सकता है कि आपको क्लब, जिम, पूल, पर्याप्त पार्किंग जगह आदि सुविधाएं न मिलें जो किसी नई प्रॉपर्टी के साथ उपलब्ध होती हैं. आपको यह भी पक्का करना होगा कि बुनियादी सुविधाएं अच्छी स्थिति में हों - नियमित और स्वच्छ पानी की आपूर्ति, अच्छी सीवेज सुविधाएं, सुरक्षा, पर्याप्त पार्किंग, अबाधित विद्युत आपूर्ति आदि.
प्रॉपर्टी का मूल्यांकनआपके लेंडर के टेक्निकल एक्सपर्ट द्वारा प्रॉपर्टी का मूल्यांकन किए जाने से पहले उसका स्वतंत्र मूल्यांकन महत्वपूर्ण होता है. लेंडर के मूल्यांकन और प्रचलित बाजार कीमतों में अंतर के चलते आपको छोटी लोन राशि का ऑफर मिल सकता है, जिस कारण आपको अधिक डाउन पेमेंट करना पड़ सकता है.
विभिन्न ढांचों से संबंधित विशिष्ट पहलू
रीसेल प्रॉपर्टी खरीदते समय आपको यह ध्यान रखना होगा कि आप प्रॉपर्टी कहां खरीद रहे हैं और किस प्रकार की प्रॉपर्टी चुन रहे हैं. हो सकता है कि आप कोई स्वतंत्र घर खरीद रहे हों या फिर किसी हाउसिंग सोसायटी में कोई फ्लैट - दोनों मामलों में बिल्कुल अलग-अलग प्रक्रिया होती है. विभिन्न प्रकार के स्थानों में घर खरीदते के बारे में आपको निम्नलिखित बातें पता होनी चाहिए.
को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के मामले में:
किसी सोसायटी में घर खरीदते समय आपको यह पक्का कर लेना चाहिए कि सोसायटी सुचारू ढंग से कार्य कर रही हो और उसके विभिन्न सदस्यों के बीच कोई बड़ी अनबन या विवाद न हों.
सोसायटी को किया जाने वाला भुगतानयह जानना जरूरी है कि सोसायटी के रिकॉर्ड में प्रॉपर्टी को अपने नाम पर ट्रांसफर करवाने के लिए आपको सोसायटी को कितना भुगतान करना होगा.
कोई सोसायटी फीस बकाया नहींपक्का कर लें कि मौजूदा मालिक पर कोई सोसायटी फीस बकाया न हो.आपको इस पृष्ठभूमि की जांच करनी चाहिए कि पड़ोसी कौन-कौन हैं, और सोसायटी कितनी सक्रिय है.
अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के मामले में:
किसी सोसायटी में घर खरीदते समय आपको यह पक्का कर लेना चाहिए कि सोसायटी सुचारू ढंग से कार्य कर रही हो और उसके विभिन्न सदस्यों के बीच कोई बड़ी अनबन या विवाद न हों.
एसोसिएशन का गठनअधिकतर मामलों में बिल्डर को उपलब्ध फ्लैट के 60 प्रतिशत की बिक्री हो जाने के 4 महीनों के अंदर एसोसिएशन का गठन कर देना होता है. यदि आप अपेक्षाकृत नया फ्लैट खरीद रहे हैं तो आपको पक्का कर लेना चाहिए कि इन उपबंधों का पालन किया गया हो.
फीस और शुल्कअपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन द्वारा प्रति वर्ग फुट की दर से, एक निश्चित मासिक दर से, या आंशिक निश्चित दर से शुल्क लिया जा सकता है. पक्का कर लें कि आपके वहां रहने आने से पहले पिछले मालिक ने अपने चार्ज चुकता कर दिए हों.
नियमों और विनियमों से अवगत रहेंयदि आप दो अपार्टमेंट खरीद कर उन्हें जोड़ने की सोच रहे हैं या कुछ नवीकरण कराना चाहते हैं, जैसे एक नया बाथरूम बनवाना, तो आपको पक्का कर लेना चाहिए कि आपकी योजनाएं अपार्टमेंट ओनर्स एसोसिएशन के बनाए विनियमों के अनुरूप हों.
विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित बसावटों के मामले में:
विभिन्न राज्यों में अलग-अलग संपत्ति विकास प्राधिकरण होते हैं जो उनकी राज्य सरकारों द्वारा संचालित होते हैं, जैसे पंजाब शहरी एवं विकास प्राधिकरण (PUDA), दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) और महाराष्ट्र आवास एवं विकास प्राधिकरण (MHDA) आदि. उनसे प्रॉपर्टी खरीदते समय आपको निम्नलिखित चीजें ध्यान में रखनी चाहिए:
फ्लैट की उम्र जांच लेंप्रॉपर्टी की उम्र, निर्माण की गुणवत्ता और साथ में यह जांच कर लें कि उस प्रॉपर्टी में लोग कब से रह रहे हैं.
रीसेल संबंधी प्रतिबंधकई राज्य विकास प्राधिकरण या तो एक समय-बाधित प्रतिबंध लगाते हैं जिसके तहत प्रॉपर्टी का मालिक कुछ वर्षों तक घर बेच नहीं सकता है, या फिर वे साफ-साफ यह कह देते हैं कि प्रॉपर्टी को खुले बाजार में नहीं बेचा जा सकता है. यह पक्का कर लें कि आपने अपने संबंधित प्राधिकरण के प्रॉपर्टी की रीसेल से संबंधित नियम जांच लिए हों.
अवैध निर्माणयह पक्का कर लें कि आपने हर तरह के अवैध संशोधन, परिवर्तन और नवीकरण के संबंध में जांच कर ली हो. आपको केवल वह अपार्टमेंट खरीदना चाहिए जिसमें ऐसे संशोधनों का नियमितीकरण किया जा सकता हो, या फिर आपको कोई अपरिवर्तित प्रॉपर्टी खरीदनी चाहिए.
निजी तौर पर बनाए गए घर के मामले में:
कई लोग स्वतंत्र रूप से बना घर खरीदना पसंद करते हैं. ऐसे में, आपको निम्नलिखित बातें ध्यान में रखनी चाहिएं:
प्रॉपर्टी की उम्र जांचेंप्रॉपर्टी की उम्र और स्थिति जांचें. आप आंशिक रूप से निर्मित घर या पूर्ण रूप से निर्मित इमारत खरीद सकते हैं.
स्वामित्व की लागत जांचेंस्टांप ड्यूटी, ट्रांसफर फीस और अन्य चार्ज जांच लें क्योंकि इन सब को जोड़कर रीसेल प्रॉपर्टी की स्वामित्व लागत में अच्छी-खासी वृद्धि हो जाती है.
विवाद-मुक्त स्वामित्वनिजी घरों के मामले में, आपको यह जरूर पक्का कर लेना चाहिए कि इमारत के स्वामित्व पर किसी भी प्रकार का कानूनी ऋणभार, जैसे कोई मुकदमा, मॉर्गेज या वह बंधक (गिरवी) न हो. आपको यह भी पक्का कर लेना चाहिए कि आप कोई विवादित प्रॉपर्टी न खरीद रहे हों.
पिछला लोनबकाया चेक करें प्रॉपर्टी पर लोन अगर मौजूदा मालिक ने हाउसिंग लोन लिया है. इस बात पर जोर दें कि आपको ओरिजिनल डॉक्यूमेंट दिए जाएं.
होम लोन के लिए डॉक्यूमेंट
डॉक्यूमेंटेशन विस्तार से जांचना, रीसेल प्रॉपर्टी की खरीद का सबसे महत्वपूर्ण पहलू होता है. यदि आप डॉक्यूमेंट जांचने में कोताही नहीं बरतेंगे, तो आप होम लोन हेतु अप्लाई करने के लिए भी बेहतर ढंग से तैयार हो जाएंगे. हमारी सलाह है कि इसके लिए आप किसी प्रॉपर्टी वकील की सेवाएं लें. आपकी खरीद से संबंधित कागजी काम पूरा करने के लिए वकील की सेवाएं भी उपयोगी रहेंगी. पक्का कर लें कि विक्रेता, सारे असल डॉक्यूमेंट पेश करे. जब तक जरूरी डॉक्यूमेंट उपलब्ध न हो जाएं न तो सेलर से घर खरीदने का वादा करें और न ही टोकन राशि दें. निम्नलिखित डॉक्यूमेंट प्रदान किए जाने चाहिए:
वे डॉक्यूमेंट जो सभी तरह के घरों के मामले में एक जैसे होते हैंअसल सेल्स डीड (विक्रय विलेख) और जब प्रॉपर्टी का निर्माण हुआ था तब से अब तक उसके स्वामित्व की शृंखला (चेन ऑफ़ ओनरशिप) दर्शाने वाला डॉक्यूमेंटेशन. पिछले मालिकों के सभी सेल्स डीड (विक्रय विलेख) विनियमों के अनुसार पर्याप्त ढंग से रजिस्टर्ड होने चाहिए और उन पर स्टांप ड्यूटी चुकाई गई होनी चाहिए. प्रॉपर्टी का स्वामित्व विवाद-मुक्त और बिक्री योग्य होना चाहिए और उस पर कोई ऋणभार नहीं होना चाहिए.
वे डॉक्यूमेंट जो केवल को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के मामले में चाहिए- सोसायटी द्वारा जारी शेयर सर्टिफिकेट एक बेहद महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट होता है जो विक्रेता की पहचान सिद्ध करता है. उसमें पिछले सारे मालिकों के नाम होने चाहिए.
- सोसायटी का एक लेटर जिसमें बिल्डिंग में फ्लोर की संख्या, निर्माण का वर्ष, अपार्टमेंट का बिल्ट-अप एरिया, और बिल्डिंग में लिफ्ट की संख्या आदि का विवरण हो.
- सोसायटी का नो ड्यूस सर्टिफिकेट.
- को-ऑपरेटिव हाउसिंग सोसायटी के मामले में सोसायटी का NOC. इस डॉक्यूमेंट में यह बताया जाता है कि विक्रेता पर कोई देय राशि बकाया नहीं है और यह कि उसने सोसायटी के बनाए सभी नियमों का पालन किया है.
- सोसायटी के इनकॉर्पोरेशन सर्टिफिकेट की कॉपी.
- नवीनतम स्थानीय सरकारी टैक्स रसीद की कॉपी.
- एसोसिएशन के इनकॉर्पोरेशन सर्टिफिकेट की कॉपी
- प्रॉपर्टी रजिस्ट्रेशन कार्ड की कॉपी
- ऑक्युपेशन सर्टिफिकेट की कॉपी
- रजिस्ट्रेशन फीस के भुगतान की रसीद
- अलॉटमेंट लेटर
- डिमांड लेटर
- पजेशन लेटर
- इलेक्ट्रिक और वॉटर NOC
- यदि बसावट फ्रीहोल्ड में है तो कन्वेयेंस डीड (हस्तांतरण विलेख)
- यूटिलिटीज़ (बिजली, पानी, गैस आदि कंपनियों) और नगर निगम (म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन, MC) से NOC
- हाउस टैक्स के लिए नो ड्यूस सर्टिफिकेट
- लैंड रिकॉर्ड और सब-रजिस्ट्रार के रिकॉर्ड की रिपोर्ट प्राप्त करें
- नगर पालिका/परिषद, नगर निगम (MC), एस्टेट ऑफिस या अन्य स्थानीय प्राधिकरण से इमारत/निर्माण उल्लंघन रिपोर्ट
- न्यायिक अभिलेख जांच
- सेल डीड (विक्रय विलेख)
- मदर डीड (मूल विलेख)
- एनकम्बरेंस (ऋणभार) सर्टिफिकेट
- खाता
- ऑक्युपेंसी (कब्जा) सर्टिफिकेट
- बिल्डिंग अप्रूवल सर्टिफिकेट
- कब्जे का सर्टिफिकेट
- अन्य - RTC/पाहनी, कन्वर्जन ऑर्डर आदि, जो परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं
- यदि इमारत कलेक्टर की भूमि पर है तो कलेक्टर से NOC
अपने होम लोन का प्री-अप्रूवल पाएं
रीसेल ट्रांजैक्शन में समय बहुत महत्वपूर्ण होता है, विशेष रूप से तब जब आप कोई दूसरी प्रॉपर्टी खरीद रहे हों और नया घर खरीदने की प्रोसेस को आगे बढ़ाने के लिए मौजूदा प्रॉपर्टी से मिलने वाले फाइनेंस पर निर्भर हों. इसलिए आपको अपने होम लोन का प्री-अप्रूवल लेना चाहिए. होम लोन का प्री-अप्रूवल ले लेने से आपको बेहतर ढंग से मोलभाव करने और सौदा जल्द पूरा करने में मदद मिलती है. असल में, यह आपको किसी अच्छे सौदे के हाथ से निकल जाने के डर से सुरक्षा देता है. रीसेल प्रॉपर्टी के लिए होम लोन लेने से आपको एक ऐसी प्रॉपर्टी खरीदने में मदद मिलती है जिस की उचित पड़ताल लेंडर, लोन राशि देने से पहले कर चुका होता है.
निष्कर्ष
रीसेल प्रॉपर्टी उन लोगों के लिए एक बढ़िया विकल्प है जो पहले से मौजूद बुनियादी ढांचे वाले इलाकों में रहना चाहते हैं, या फिर उनके लिए जिनके लिए लोकेशन एक प्राथमिकता है (वहां जहां नए निर्माण नहीं हो रहे हैं). पहले से बना-बनाया घर अधिकांशतः कब्जे के लिए तैयार होता है और निर्माण पूरा होने तक के इंतजार के झंझट को खत्म कर देता है. होम लोन के रूप में आसानी से उपलब्ध फाइनेंस के चलते, रीसेल प्रॉपर्टी एक ऐसा विकल्प बन गया है जिसे घर खरीदने वालों को अपना सपनों का घर खरीदने से पहले जरूर देख लेना चाहिए.
रीसेल प्रॉपर्टी खरीदने के फायदे और नुकसान
फायदे | नुकसान |
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आपको कम कीमत पर घर मिल सकता है क्योंकि रीसेल प्रॉपर्टी के मामले में आपको विक्रेता से मोलभाव की गुंजाइश मिल जाती है | आप जो घर खरीद रहे हैं हो सकता है कि वह पुराना और संरचना की दृष्टि से कमजोर हो, तो उसके लिए काफी मरम्मत और नवीकरण की जरूरत पड़ सकती है |
आपको निर्माण पूरा होने तक इंतजार नहीं करना पड़ता है | कई विक्रेता भुगतान का एक बड़ा हिस्सा नकद में चाहते हैं |
आपको रीसेल प्रॉपर्टी के लिए होम लोन मिल सकता है जिसके साथ अतिरिक्त फायदे के तौर पर आपको टैक्स लाभ मिल जाते हैं | बहुत पुराने निर्माण के मामले में हो सकता है कि आप होम इंश्योरेंस के पात्र न हों |
आप फौरन अपने नए घर में रहना शुरू कर सकते हैं | यदि आपको नए घर में आने से पहले मरम्मतें और नवीकरण कराना है तो आपको किसी किराये के आवास में जाना पड़ सकता है |
यदि आपने प्रॉपर्टी अच्छी कीमत पर खरीदी है तो आपका होम इंश्योरेंस प्रीमियम कम हो सकता है | हो सकता है कि वहां नए निर्माणों में उपलब्ध आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध न हों |
आपको अपनी पसंद की लोकेशन पर प्रॉपर्टी मिल सकती है | |
आपको प्रॉपर्टी का खुद निरीक्षण करने का और उसकी बारीकियों से भली-भांति परिचित होने का मौका मिलता है, जिससे आप सोच-समझकर फैसला ले सकते हैं और बाद में अप्रिय आश्चर्यों से बच सकते हैं |
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