मुख्य बिंदु
- सस्टेनेबल लाइफस्टाइल का अर्थ है- सचेत रहना.
- सस्टेनेबिलिटी अब एक विकल्प नहीं बल्कि आवश्यकता बन गई है.
- इस लाइफस्टाइल का उद्देश्य है- लालच को ज़रूरत पर हावी न होने देना.
- सस्टेनेबल जीवन में प्राकृतिक, पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों का उपयोग करना शामिल है जिससे संसाधनों के समाप्त होने का खतरा नहीं होता.
- मनुष्य अनजाने में वर्षों से अस्थिर तरीके से जी रहा है. हमारी आने वाली पीढ़ी के लिए संसाधनों की उपलब्धता बनाए रखने के लिए संसाधनों के ह्रास को नियंत्रित करना ज़रूरी है.
आपने हाल ही में "सस्टेनेबल" शब्द को अक्सर सुना या पढ़ा होगा. सस्टेनेबिलिटी दुनिया के प्रत्येक कोने में चर्चा का एक विषय है. हालांकि, मुख्य प्रश्न यह है कि, "सस्टेनेबिलिटी यानी स्थिरता क्या है?" इस अवधारणा के बारे में बहुत सी जानकारी उपलब्ध है और इसकी व्याख्या भी की गई है, लेकिन जब इसके उपयोग की बात आती है तो हर कोई इसमें समान नहीं है!
लालच और आवश्यकता दो अलग-अलग बातें हैं और प्राकृतिक संसाधनों के खतरनाक दर से घटने के साथ, यह सुनिश्चित करना समय की मांग है कि आज का लालच कल की जरूरतों को प्रभावित न करे. संक्षेप में, स्थिरता सचेत रहने का एक अभ्यास है.
जब आप स्थिरता को अपने जीवन में शामिल करते हैं, तो यह एक सस्टेनेबल लाइफस्टाइल बन जाता है. इसे "अर्थ हार्मनी लिविंग" के रूप में भी जाना जाता है, क्योंकि आप पर्यावरण के अनुकूल विकल्पों का चयन करने के लिए जागरूक और सचेत होते हैं. हम सभी ने अनजाने में वर्षों से एक अस्थिर लाइफस्टाइल (पर्यावरण और पारिस्थितिकी के लिए खतरनाक) जिया है, जैसे प्रतिदिन प्लास्टिक का उपयोग करना या प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग न करना. पर्यावरण और पृथ्वी को सुरक्षित रखने के लिए, पर्यावरण के अनुकूल निर्णय लेना आवश्यक है. 100% सस्टेनेबल या प्लास्टिक/टॉक्सिन-मुक्त लाइफस्टाइल असंभव है. लेकिन, आप अपने दैनिक जीवन में छोटे-छोटे कदम उठा सकते हैं जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि पर्यावरण को कोई नुकसान न हो.
सस्टेनेबल लाइफस्टाइल बनाम अनसस्टेनेबल लाइफस्टाइल:
- पहला पृथ्वी को बचाता है, और दूसरा प्रकृति पर नकारात्मक प्रभाव डालता है.
- पहला वनस्पतियों और जीवों की दीर्घायु सुनिश्चित करता है, वहीं दूसरा संसाधनों का दुरूपयोग करता है.
- स्थिर जीवन सरल, सचेत और पर्यावरण के अनुकूल है, जबकि अस्थिर जीवन लालच, अपव्यय और ह्रास को बढ़ावा देता है.
यह एक लोकप्रिय धारणा है कि स्थिर जीवन से जेब पर बोझ बढ़ता है, लेकिन यह सच नहीं है. जीने का एक स्थायी तरीका महंगा नहीं बल्कि लंबे समय में यह अत्यधिक किफायती होता है. ये हैं कुछ पर्यावरण-अनुकूल उपाय जो आप अपना सकते हैं:
सस्टेनेबल लाइफस्टाइल बनाम मिनिमलिज़म (अतिसूक्ष्मवाद)
क्या जीने के स्थायी तरीके का मतलब अतिसूक्ष्मवाद है? पूरी तरह से नहीं! हालांकि अतिसूक्ष्मवाद सस्टेनेबल लाइफस्टाइल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है (3-R सिद्धांत के अनुसार), लेकिन फिर भी आप ऐसी बहुत सी चीजें ले सकते हैं जो पर्यावरण के अनुकूल और क्रूरता मुक्त हैं. यह विचारधारा कि "कम ही ज़्यादा है" अक्सर पर्यावरण अनुकूल लाइफस्टाइल पर लागू होती है क्योंकि आप अपनी आवश्यकताओं को कम करते हैं, अपने पास मौजूदा सामान का बार-बार इस्तेमाल करते हैं, और जब भी संभव हो तब रीसाइकिल करते हैं.
स्थायी जीवन जीने की तरकीब है- हरित विकल्पों का पता लगाना. एक बार जब आप ग्रीन ब्रांड को बढ़ावा देना शुरू कर देते हैं, तो मौजूदा अस्थिर लोग भी पर्यावरण के अनुकूल तौर-तरीकों अपनाने लगेंगे. सहानुभूति ही समाधान है, और आज उठाए गए कदम, आने वाले कल पर अपना असर दिखाएंगे.
होम लोन संबंधी कैलकुलेशन अपने घर का प्लान बनाना आसान कर देती है
मिस कॉल
नए होम लोन के लिए मिस्ड कॉल दें
- 09289200017