मुख्य बिंदु
होम लोन को तभी रिफाइनेंस करें जब नया लेंडर –
- ब्याज की निम्न दर प्रस्तावित करता हो
- उच्च लोन राशि प्रस्तावित करता हो
- फिक्स से फ्लोटिंग/समायोजित ब्याज दर में स्विच करने की अनुमति देता हो
- लोन अवधि में कटौती करता हो
- EMI में कटौती करता हो
- बेहतर अवधि और सेवा देता हो
रिफाइनेंस न करें अगर –
- लागत उचित नहीं होती है
- आपका लोन समाप्त होने वाला हो
अपने जीवनकाल में आप हमेशा बेहतर विकल्पों की तलाश में रहते हैं - एक बेहतर घर, बेहतर कार, बेहतर नौकरी आदि. अगर हम ऐसा ना करें और जो मिल रहा है उसी में संतुष्ट रहें तो जीवन कभी आगे नहीं बढ़ पाएगा.
आपके होम लोन को ऑप्टिमाइज करना
जीवन में अन्य बात की तरह, यह स्वाभाविक है कि आप सदैव आपके पास मौजूदा से अधिक अच्छे होम लोन विकल्प की खोज करते हैं. यहां तक कि अगर आपने पहले से होम लोन लिया हुआ है, तो भी यह स्वाभाविक है कि आप खुद को नई प्रगति और इंडस्ट्री के ट्रेंड के साथ जोड़े रखना चाहते हैं. जैसे ही आपको कोई बेहतर विकल्प मिलता है, आप अपने लोन पर भी बेहतर शर्तें चाहेंगे. लेकिन क्या ऐसा करना संभव है या आप अपने मौजूदा लोन की अवधि तक के लिए उसमे फंस गए हैं?
सौभाग्य से, आपके लिए होम लोन रिफाइनेंसका विकल्प उपलब्ध है. रिफाइनेंस में आपका बकाया लोन बैलेंस एक नए लेंडर को ट्रांसफर हो जाता है. यह साफ है कि नया लोन पुराने से अधिक बेहतर शर्तों पर उपलब्ध होता है.
रिफाइनेंस का सबसे सरल तरीका यह है कि आपका नया लेंडर आपके पुराने लेंडर से देय राशि का निपटान कर ले और बकाया लोन अमाउंट पर कब्ज़ा कर ले. बेहतर नियम और शर्तें देने वाले लेंडर के पक्ष में फैसला कर लेने पर आप डॉक्युमेंटेशन और अन्य फार्मेलिटीज पूरी कर सकते हैं, जिनके आधार पर वह पुराने लेंडर को लोन पे ऑफ करेगा और बकाया लोन अमाउंट पर कब्ज़ा कर लेगा. फिर आप नए लेंडर को EMI पे करना शुरू करेंगे.
आपको होम लोन रीफाइनेंस का विकल्प कब चुनना चाहिए?
निम्न छह परिस्थितियों में होम लोन रीफाइनेंस का विकल्प चुना जा सकता है:
1. जब आपको बेहतर ब्याज दरें मिल रही हो:अगर आपको कम ब्याज दरों का विकल्प मिल रहा है और आप वर्तमान लोन में उंची ब्याज दरों का भुगतान नहीं करना चाहते हैं.
2. जब आप निश्चित ब्याज दरों से फ्लोटिंग और एडजस्टेबल ब्याज दरों में शिफ्ट होना चाहते हैंआपने निश्चित ब्याज दरों पर लोन लिया है, लेकिन उसके बाद ब्याज की दरें कम होना शुरू हो जाती है. इस स्थिति में आप ब्याज की बचत करने के लिए फ्लोटिंग रेट लोन का विकल्प अपनाना चाहते हैं. अगर आपका मौजूदा लेंडर आपको फ्लोटिंग लोन का विकल्प देने के लिए तैयार नहीं हैं तो आप किसी दूसरे लेंडर के पास अपना लोन रीफाइनेंस करवा सकते हैं.
3. जब आप अपने होम लोन की अवधि कम करना चाहते हैं:शुरू में, शायद आपने लंबी अवधि का विकल्प चुना होगा; हालांकि, अगर आपकी फाइनेंशियल स्थिति अब बेहतर हो गई है, तो आप लोन की अवधि कम करवा सकते हैं.
4. अगर आपको अपनी EMI की राशि कम करनी होमान लीजिए कि आपकी आर्थिक स्थितियों में कुछ बदलाव आया है, और अब आप महीने की किश्त की राशि कम करना और लोन की अवधि बढ़वाना चाहते हैं.
5. या फिर आप अपने होम लोन के लिए बेहतर शर्तें और सेवा देने वाले लेंडर के पास शिफ्ट होना चाहते हैंअगर आपको लोन के डिस्बर्समेंट के बाद यह लगता है कि आपका लेंडर आपको अच्छी सेवाएं नहीं दे रहा है, या आपको अच्छी डील नहीं मिली है. इन स्थितियों में आप लेंडर बदलने की सोच सकते हैं.
6. जब आप और अधिक उधार लेना चाहते हैंलोन लेने के बाद हो सकता है कि घर की डिज़ाइन और अन्य विशिष्टताओं के कारण आपकी फंडिंग संबंधी जरूरतें बढ़ जाएं. इस स्थिति में रीफाइनेंस आपको एक बड़ा लोन दिलवाकर अतिरिक्त फंड्स की व्यवस्था करता है.
होम लोन रीफाइनेंस विकल्प चुनने से पहले ध्यान में रखे जाने वाले कुछ महत्वपूर्ण कारक
होम लोन रीफाइनेंसिंग का निर्णय जल्दीबाजी में या लापरवाही से नहीं लिया जाना चाहिए. रीफाइनेंस का विकल्प चुनने से पहले आपको सभी संबंधित कारकों पर अच्छी तरह से सोच विचार कर लेना चाहिए. यहां हम आपको कुछ कारक बता रहे हैं जो आपके निर्णय को प्रभावित कर सकते हैं:
1. फाइनेंशियल कारकरीफाइनेंसिंग में लागत शामिल है. नए लेंडर के लिए लीगल फीस, प्रोसेसिंग फीस, आकस्मिक शुल्क, पुराने लेंडर के प्रीपेमेंट शुल्क(अगर आपने फिक्स्ड रेट पर होम लोन लिया हो), आदि कुछ ऐसे खर्च हैं जिन पर सोचना चाहिए. फैसला करने से पहले आप कास्ट-बेनिफिट्स को अच्छी तरह से जांच लें. ब्याज की कम दर पर ही फैसला नहीं किया जाता है. रिफाइनेंस का मतलब पूरा लोन चुकाए जाने तक की बचत से होना चाहिए.
2. गैर-फाइनेंशियल कारकआपको अपने होम लोन रीफाइनेंस का निर्णय केवल ब्याज दरों के आधार पर ही नहीं लेना चाहिए. आपको ब्रांड नाम, रेप्युटेशन, कस्टमर फ्रेंडली पॉलिसीज, सर्विस का पहलू, डॉक्युमेंट्स की सुरक्षा आदि सूक्ष्म बातों पर भी विचार करना चाहिए. रिपेमेंट के बारे में नए लेंडर के नियम और शर्तें भी आपके निर्णय में भूमिका निभाते हैं. एक और बात जिस पर आपको विचार करने की ज़रूरत है, वह है रिफाइनेंस की टाइमिंग - लोन रिपेमेंट की किस स्टेज में आप रिफाइनेंस कराने जा रहे हैं और मूल बकाया अमाउंट कितना है? ऐसे लोन को रिफाइनेंस कराना बहुत फायदेमंद नहीं रहता जो ज्यादातर रिपेड हो चुका हो (जैसे 70% या अधिक).
Consider the example of Mr. Mehta. He has taken a home loan for Rs.25 lakh with a term of 20 years from ABC Ltd. The interest rate is floating at 10%. Now, after 3 years of taking the loan, he gets an offer of 9.00% floating interest rate from XYZ Ltd if he refinances his loan for the remaining term. He now has to decide whether to refinance home loanwith XYZ or continue unchanged with ABC.
मेहता जी का वर्तमान लोन ABC Ltd से लिया गया है.
विवरण | मूल्य | टिप्पणी |
---|---|---|
मूल लोन अमाउंट | ₹25 लाख | - |
अवधि | 20 वर्ष | - |
फ्लोटिंग ब्याज़ दर | 10% वार्षिक. | - |
EMI | रु. 24,216 | - |
3 सालों के होम लोन रीपेमेंट के बाद XYZ Ltd से रीफाइनेंस ऑफर प्राप्त हुआ
विवरण | मूल्य | टिप्पणी |
---|---|---|
मूल लोन अमाउंट | ₹23.69 लाख | 3 सालों की EMI पहले ही भरी जा चुकी है |
अवधि | 17 वर्ष | - |
फ्लोटिंग ब्याज़ दर | 9.00% | - |
EMI | रु. 22,716 | - |
तो उन्हें होम लोन रीफाइनेंस करवाना चाहिए या पहले वाला होम लोन ही चलने देना चाहिए?
विवरण | मूल्य | टिप्पणी |
---|---|---|
अगर वे लोन (a) जारी रखते हैं तो ABC को भुगतान की जाने वाली कुल राशि | ₹49.21 लाख | 17 सालों की बाकी अवधि के लिए |
अगर वे लोन (b) में रीफाइनेंस करवाना चुनते हैं तो XYZ को भुगतान की जाने वाली कुल राशि | ₹46.34 लाख | उसी 17 वर्षों की अवधि के लिए |
सेविंग (c=b-a) | ₹2.87 लाख | - |
(घटाएं) XYZ को दी गई प्रोसेसिंग फीस (d) | रु. 11,846 | लोन अमाउंट ₹23.69 लाख का 0.5% |
रीफाइनेंस के कारण हुई कुल बचत (c-d) | ₹2.75 लाख | - |
तो देखा आपने, अगर मेहता जी ABC Ltd का लोन जारी रखने के बजाय XYZ Ltd से लोन रीफाइनेंस करने का विकल्प चुनते हैं तो उन्हें कुल ₹2.75 लाख की बचत होती है. इस सेविंग की गणना हमने 9% p.a की न्यूनतम ब्याज दरों के आधार पर की है. अगर भविष्य में ब्याज दरों में गिरावट आती है तो बचत अधिक होगी.
तो अंत में हम कह सकते हैं कि होम लोन रीफाइनेंस एक ऐसा उपकरण है जिसकी मदद से कस्टमर अपने लोन को बेहतर तरीके से मैनेज कर सकते हैं और परिस्थितियों के अनुसार इसका लाभ उठा सकते हैं. अगर आप इस उपकरण का सही तरीके से इस्तेमाल करें तो आप अपने होम लोन की लागत में काफी कमी कर सकते हैं.
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